ओडिशा अबाधा योजना
योजना का मुख्य उद्देश्य
अबाधा योजना का मुख्य उद्देश्य पुरी के जगन्नाथ मंदिर को विश्व प्रसिद्ध विरासत शहर के रूप में विकसित करना है। मंदिर के विकास में समग्र रूप से बेहतर सुविधाएं देना, बुनियादी ढांचे में सुधार, भूमि अधिग्रहण के लिए शुल्क, पूरे स्थान का पुनर्वास, सड़कों का विकास आदि शामिल हैं। इस योजना से पुरी जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। ओडिशा अबाधा योजना के माध्यम से राज्य सरकार का लक्ष्य तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए बेहतर और सस्ती सुविधाएं प्रदान करना है। साथ ही तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
योजना की विशेषताएं
- अबधा योजना के तहत, जगन्नाथ पुरी मंदिर को फिर से विकसित किया जाएगा और इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में बदल दिया जाएगा।
- समग्र विकास के लिए परियोजना का कुल बजट 2308 करोड़ रुपये तक जा सकता है।
- जिसमें बेहतर सुविधाएं, बेहतर बुनियादी ढांचा, भूमि अधिग्रहण के लिए शुल्क, पूरे स्थान का पुनर्वास और सड़कों का निर्माण शामिल है।
- राज्य सरकार ने पुरी में विभिन्न स्थानों पर बेहतर गुणवत्ता वाली सड़कें बनाने का भी निर्णय लिया है।
- कैबिनेट समिति ने पुरी के गोवर्धन मठ को मठ के प्रबंधन के दायरे से बाहर रखकर ओडिशा के हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम में बदलाव के प्रस्ताव को भी मंजूरी देने का फैसला किया।
- श्री सेतु परियोजना के ट्रम्पेट ब्रिज से जुड़ी 1.5 किमी लंबी लिंक रोड जैसी नई परियोजनाएं शामिल हैं।
- मल्टी-लेवल कार पार्किंग के साथ जगन्नाथ बैलाड मठ का पुनर्निर्माण 180 करोड़ रुपये के बजट से किया जाएगा।
- ध्यान स्थल और मल्टी-मॉडल हब सुविधाओं के साथ पूरे माहौल को एक आकर्षक तीर्थस्थल में बदल दिया जाएगा।
ओडिशा अबाधा योजना का बजट
सरकार ने पिछले तीन वर्षों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और विरासत और वास्तुकला योजना के विकास के लिए लगभग 3208 करोड़ रुपये का उपयोग करने की योजना बनाई थी।
- वर्ष 2019 से 2020 तक परियोजनाओं के लिए 719 करोड़ रुपये दिए गए।
- वर्ष 2020 से 2021 तक की योजनाओं के लिए 1402 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए।
- वर्ष 2021 से 2022 तक इस योजना के लिए 1087 करोड़ रुपये दिए गए।
योजना के क्रियान्वित की अवधि
ओडिशा अबाधा योजना एक बड़े स्तर पर संचालित योजना है जो कि 2017-18 में शुरू हुई थी और 2024-25 तक चलती रहेगी। यह योजना सुनिश्चित करती है कि पुरी के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो। बुनियादी सुविधाओं में सुधार और शहर की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लिए ओडिशा सरकार के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा शुरू की गई व्यापक योजना है । सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम ओडिशा कैबिनेट ने और उठाया है। संविधान में साओरा भाषा को शामिल करने की सिफारिश की है। इस कदम का उद्देश्य साओरा-भाषी स्वदेशी लोगों की जनजातीय बोली और संस्कृति को संरक्षित करना, बढ़ावा देना और प्रचारित करना है।
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